जिला बैतूल लाक डाउन में फंसे मजदूर ठेका कंपनियों पर मजदूरों का फूट रहा गुस्सा।
जिला बैतूल मध्य प्रदेश में छत्तीसगढ़और बिहार के मजदूर जोकि बैतूल में पिछले 6 वर्षे निरंतर रह रहे हैं जिसमें 23 वयस्क और 10 छोटे-छोटे मासूम बच्चे हैं जोकि भूख प्यास से व्याकुल यह मजदूर राशन एवं इलाज के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं यह मजदूर गुजरात की कंपनी राधे कृष्ण कंस्ट्रक्शन के मालिक को पिछले 15 दिनों से फोन लगा रहे हैं फोन ना उठाने पर उन्हें व्हाट्सएप पर मैसेज भी किया गया मैसेज देखने के बाद भी कंपनी का मालिक कोई जवाब नहीं दे रहा ऐसे में इन मजदूरों के पास नाही राशन है और ना ही बच्चों का इलाज कराने के लिए कोई पैसे हैं मजदूरों का कहना है हमें मालिक से ₹40000 लेना बाकी है
ऐसे में समाजसेवी चंद्रप्रभा चौकी कर पूनम गौड़ शैलेंद्र बिहारिया ने खाद्य सामग्री वितरण की अब सवाल यह उठता है दीनदयाल रसोई योजना जो कि हमारे बैतूल शहर में सभी जगह खाना पहुंचा रहा है लेकिन उत्कृष्ट स्कूल के पीछे जहां हॉस्टल बन रहा है वहां के मजदूरों का कहना है खाना आता जरूर है परंतु कभी खाना खराब निकलता है या कभी खिचड़ी कच्ची होती है जिसे खाकर बच्चों को लूज मोशन लग जाते हैं आज यह मजदूर परेशान हो चुके हैं जिनकी परेशानी सुनने वाला कोई नहीं है शासन प्रशासन से बार-बार अपनी समस्या अवगत कराने के बाद भी कहीं इनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है बैतूल से इमरान खान की रिपोर्ट
जिला बैतूल लाक डाउन में फंसे मजदूर ठेका कंपनियों पर मजदूरों का फूट रहा गुस्सा।