सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर की बहन ने शुरू की एक कम्युनिटी, नाम दिया है आउट ऑफ द डार्कनेस
भोपाल में करीब 400 लोग हर साल कर लेते हैं खुदकुशी, इनमें से 200 युवा मामूली बात पर देते हैं जान
पुरुषों की संख्या अधिक महिलाओं के मुकाबले 30-40% पुरुष ज्यादा करते हैं खुदकुशी
भोपाल. सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर की बहन डॉ. अंजलि सहाय ने राजधानी में बढ़ती खुदकुशी की घटनाओं को रोकने के लिए नई कम्युनिटी शुरू की है। इस कम्युनिटी को नाम दिया है आउट ऑफ द डार्कनेस यानी अंधरे से बाहर। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, रविंद्रनाथ टैगोर नर्सिंग कॉलेज के छात्रों के साथ-साथ अब तक इस कम्युनिटी से चार राज्यों के करीब 80 लोग जुड़ चुके हैं।
सभी का मकसद है, उन लोगों को अपनी जिंदगी में वापस लाना, जो अवसाद (डिप्रेशन) ग्रस्त होकर खुदकुशी का विचार मन में ला रहे हैं। बीएमएचआरसी में मनोचिकित्सक डॉ. सहाय कहती हैं कि 13 जून 2017 को उनके नौकर पमपम ने पति मधुकर सहाय पर जानलेवा हमला कर दिया था। घटना के इतने दिनों बाद भी मधुकर को चलने-फिरने के लिए किसी का सहारा लेना पड़ता है। मनोचिकित्सक हूं, इसके बाद भी डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए काफी कोशिश करनी पड़ी। सोचा कि ऐसे बहुत से लोग और हैं, जिन्हें डिप्रेशन से बाहर लाने की जरूरत है।
25-25 के ग्रुप में ट्रेनिंग देंगे जो चेन के रूप में आगे बढ़ेगी
इस कम्युनिटी से अब तक चार राज्यों के 80 से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं। हम 25-25 लोगों का ग्रुप बनाकर सभी को डिप्रेस्ड लोगों को पहचानने की ट्रेनिंग दे रहे हैं। इस दौरान बताया जा रहा है कि खुदकुशी का विचार रखने वाले या डिप्रेस्ड व्यक्ति को कैसे पहचाना जाए। फिर उन्हें मनोचिकित्सक से मिलवाकर काउंसलिंग करवाई जाएगी। स्कूल-कॉलेज में जाकर हमसे जुड़ने की अपील कर रहे हैं। इसके लिए कोई फीस नहीं ली जा रही है।
विश्व में सबसे ज्यादा खुदकुशी भारत में
आत्महत्या एक लैटिन शब्द है, जिसका अर्थ है खुद की हत्या। विश्व में सबसे ज्यादा खुदकुशी के मामले भारत में ही सामने आते हैं। डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2019 में अब तक विश्व में करीब आठ करोड़ लोगों ने अपनी जान दे दी। इनमें सबसे ज्यादा भारत में 2,20,481 लोगों ने जान दी है। एक अनुमान के मुताबिक भोपाल में हर साल 400 लोग खुदकुशी करते हैं।
डिप्रेशन की पांच बड़ी वजह
- किसी अपने को खोना।
- आर्थिक नुकसान या कर्ज बढ़ना।
- लक्ष्य तक न पहुंचना या स्थान परिवर्तन।
- शराब, सिगरेट का अत्यधिक सेवन।
- पारिवारिक माहौल या वातावरण का प्रभाव।
इनसे निकलने के पांच उपाय
- मानसिक तौर पर जिंदगी की वास्तविकता को स्वीकारना।
- कोशिश करना ताकि नई और अच्छी शुरूआत हो सके।
- खुद को शून्य से शुरू करने की ललक पैदा करना।
- नशे से दूर रहने के लिए परिवार को थोड़ी सख्ती बरतनी।
- मोबाइल से दूर दिनभर में एक बार परिवार के साथ समय बिताएं।