अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा. यह फैसला इस मामले पर अंतिम फैसला नहीं

Ayodhya Case : मामले में सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला अंतिम नहीं होगा, पक्षकारों के पास है यह विकल्प


सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई वही बैंच करती है जो फैसला सुनाती है, लेकिन मौजूदा बैंच के अध्यक्ष जस्टिस रंजन गोगोई आठ दिन बाद रिटायर हो जाएंगे








ई दिल्ली: 





अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा. यह फैसला इस मामले पर अंतिम फैसला नहीं होगा, इसके बाद रिव्यू पिटीशन दाखिल की जा सकेगी. रिव्यू पिटीशन यानी कि पुनर्विचार याचिका उसी बेंच के पास आती है जो बेंच फैसला सुनाती है. इस मामले में संविधान पीठ 9 नवंबर को फैसला सुनाने वाली है.


जस्टिस रंजन गोगोई की इस बेंच में उनके अलावा जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. यदि 17 नवंबर के पहले पुनर्विचार याचिका आती है तो इसे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ही सुनेगी. लेकिन यदि यह पिटीशन इसके बाद आई तो अगले चीफ जस्टिस तय करेंगे कि रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई के लिए मौजूदा पीठ में जस्टिस गोगोई की जगह पांचवा जज कौन होगा. सुप्रीम कोर्ट यह भी तय करेगा कि रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई की जाए या नहीं की जाए.


रिव्यू पिटीशन पर ओपन कोर्ट में सुनवाई नहीं होती बल्कि चैंबर में होती है. यदि याचिकाकर्ता ओपन कोर्ट में सुनवाई के लिए अनुरोध करेगा और कोर्ट इसके लिए तैयार होता है तो ओपन कोर्ट में सुनवाई हो सकती है. इस स्थिति में सुप्रीम कोर्ट ओपन कोर्ट में सुनवाई के लिए तारीख देगा.      


छावनी में तब्दील हुई अयोध्या, राम जन्मभूमि मंदिर की तरफ जाने वाले सारे रास्ते बंद


अयोध्या केस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला शनिवार को आएगा. इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए हैं. अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में पांच सदस्यीय बेंच ने इस मामले में लगातार 40 दिनों तक सुनवाई की.


अयोध्या मामला: सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की बेंच आज सुबह 10.30 बजे सुनाएगी 





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