मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर की अंतरिम रोक।






प्रदेशभर में रुकेगी सीमा विस्तार की प्रक्रिया इंदौर भोपाल के मामले में अंतरिम रोक लगाई फैसला पूरे प्रदेश में लागू रहेगा।। इंदौर,भोपाल ।।













इंदौर/भोपाल  नगरीय निकायों की सीमा बढ़ाए जाने के राज्य सरकार के नोटिफिकेशन पर हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने अंतरिम रोक लगा दी है। सीमा बढ़ाने जाने के राज्यपाल के अधिकार को संविधान के विपरीत कलेक्टर को दिए जाने के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। अब सरकार को दो सप्ताह में विस्तृत जवाब पेश करना है कि राज्यपाल ने अपने अधिकार कलेक्टर को कैसे दिए। हाईकोर्ट ने पिछले दिनों सुनवाई पूरी कर अंतरिम आदेश पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। फिलहाल जहां-जहां परिसीमन के जरिए निकायों की सीमा बढ़ाने का काम चल रहा है वहां हाईकोर्ट का यह आदेश लागू रहेगा।  


जस्टिस सतीशचंद्र शर्मा अाैर जस्टिस शैलेंद्र शुक्ला की खंडपीठ के समक्ष इस मामले की सुनवाई हुई थी। पार्षद दिलीप शर्मा अाैर भरत पारिख ने यह याचिका दायर की थी। उनकी तरफ सीनियर एडवोकेट पीयूष माथुर अाैर पुष्यमित्र भार्गव ने पैरवी की। शासन का पक्ष अतिरिक्त महाधिवक्ता रवींद्रसिंह छाबड़ा ने रखा था।
  
प्रदेशभर में रुकेगी सीमा विस्तार की प्रक्रिया 
सरकार ने नोटिफिकेशन उन सभी जिलों के कलेक्टर को भेजे थे, जहां गांवों को नगरीय निकाय सीमा में शामिल किया जाना है। हाई कोर्ट ने इस नोटिफिकेशन पर भी रोक लगा दी है। इस तरह प्रदेशभर में सरकार हाई कोर्ट का अंतिम निर्णय होने तक सीमा विस्तार नहीं कर पाएगी।
 
कांग्रेस सरकार की बड़ी हार 
23 फरवरी के नोटिफिकेशन को कोर्ट ने स्थगित किया है। इसी में निकायों के विखंडन का भी आधार शामिल था। साफ है कि इसका प्रभाव पूरे मप्र पर पड़ेगा। इसलिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है कि हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर वार्डों के परिसीमन और नगर निगमों के विखंडन को तुरंत रोका जाए। यह कांग्रेस सरकार की बड़ी हार है। भोपाल की जनता जो चाहती थी, उसके साथ न्याय हुआ है।
 राकेश सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
 
हम समय पर जवाब दे देंगे
कोर्ट ने दो हफ्ते का समय दिया है, हम समय सीमा में जवाब दे देंगे। परिसीमन पर हम निर्णय नहीं कर रहे, वह राज्यपाल ही करेंगे। पहले भी हमने परिसीमन की प्रक्रिया पूरी कर प्रस्ताव राज्यपाल को भेजे हुए हैं। कलेक्टर ने केवल प्रकाशन किया है। - संजय दुबे, प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास


सरकार ने राज्यपाल के अधिकार कलेक्टर को दे दिए थे, इसी को कोर्ट में चुनौती दी गई


अधिवक्ता भार्गव के मुताबिक, राज्य सरकार ने 23 फरवरी 2019 को गजट नोटिफिकेशन जारी किया था। इंदौर नगर निगम सीमा में बांक और नैनोद गांव को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। संविधान के हिसाब से यह काम राज्यपाल को करना होता है, लेकिन सरकार ने उनके अधिकार एेसे सभी जिलों के कलेक्टर को सौंप दिए, जहां नगरीय निकायों की सीमा विस्तार किया जाना है। इसी प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। सरकार ने जवाब दिया था कि कुछ मामलों में राज्यपाल और राज्य सरकार एक ही माने जाते हैं। राज्यपाल ने कलेक्टर को केवल दावे-आपत्ति बुलाने के अधिकार दिए थे। उनका निराकरण नहीं किया था। यह काम राज्यपाल कहां है
















 











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