आज फिल्मी दुनिया की एक और हस्ती कलाकार ऋषि कपूर ने हम सभी को अलविदा कह दिया।
श्रद्धा सुमन। लगातार कैंसर से दो कलाकारों की मौत ने हम सभी को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि क्या हमारी जीवन शैली और कार्यशैली ही कैंसर का सबसे बड़ा कारक बनी है।
केवल फिल्मी दुनिया के कलाकार ही नहीं आम इंसान भी कैंसर की गिरफ्त में है लाखों जीवन यह भयंकर बीमारी खत्म कर रही है और कारण हमारी जीवनशैली और कार्यशैली है जिसको बदला जा सकता है और कैंसर से बचा जा सकता है।
जिस प्रकार हम कैंसर के होने वाले कारणों को अपने जीवन शैली में और कार्यशैली में अपना लेते हैं और कैंसर की गिरफ्त में आ जाते हैं।
ठीक उसी प्रकार इससे बचने का एक ही उपाय है कि हम अपनी जीवनशैली और कार्यशैली में उन कारकों को दूर रखें जिससे कैंसर हो सकता है किंतु दुर्भाग्य है कि हम सब जानते समझते हुए भी उन कारकों को अपनी जीवन शैली और कार्यशैली में स्थान दे देते हैं और अंत केवल दर्दनाक मौत और असमय दुनिया को अलविदा कहने का होता है।
कैंसर का संपूर्ण विषय केवल और केवल जागरूकता का है यदि हम उन कारणों के प्रति स्वयं जागरूक हो जाएंऔर दूसरों को भी उसके प्रति जागरूक कर सके तो निश्चित तौर पर हम कैंसर को ना होने देने की प्रक्रिया में सफलता हासिल कर सकते हैं।
लॉक डाउन का यह समय आत्मचिंतन आत्ममंथन और आत्म धैर्य का समय है जहां हम यह सारी बातों को अच्छे से समझ और अमल में ला सकते हैं और कुछ नहीं तो केवल और केवल अपने परिवार को अपने मोहल्ले को अपने नगर को बैतूल को कैंसर मुक्त कर सकते हैं तो आइए खुद को स्वयं को कैंसर के होने वाले कारणों से दूर रखें।
इमरान खान