जिला बैतूल लाक डाउन के दौरान स्कूलों के द्वारा बच्चों को मोबाइल पर पढ़ाने की कोशिश की जा रही जो व्यर्थ है प्राइवेट स्कूल अपने फीस के पैसे को बनाए रखने के लिए बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने का नाटक करना क्या सही है बच्चा ऑनलाइन पढ़ाई कर पाएगा अभी हमारी टेक्नोलॉजी इतनी फास्ट हो गई है ह? ?बच्चा इतना ज्यादा एक्टिव है कि वह ऑनलाइन पढ़ाई करके एग्जाम फाइट करेगा? यह सरासर माता पिता पर एक दबाव बना रहै है हम बच्चों को मोबाइल नहीं देना चाहते हैं फिर भी बच्चों को मोबाइल देने के लिए मजबूर कर रहे हैं हम बच्चों को मोबाइल से दूर रखना चाहते हैं लेकिन पढ़ाई के नाम पर अगर बच्चे को है मोबाइल दे रहे हैं तो बच्चा हमारी आंखों से ओझल होते ही मोबाइल में दूसरे फंक्शन में चले जाता है खेलने लग जाता तो पढ़ाई कहां हो पाएगी ऐसी स्थिति में यह जो फंडा चला रहे हैं स्कूल वाले एक तो माता-पिता को हमको सिलेबस समझ में आता नहीं कहां से क्या पढ़ रहे हैं क्या पढ़ा रहे हैं यहां तक कि वो टीचर्स स्टाफ उनके पास में भी पूरी तरीके से जवाब नहीं शिक्षा की ट्रेनिंग नहीं दी गई टीचर्स द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप जितने ग्रुप बनाए हैं।
स्कूलों ने अपने-अपने क्लासरूम के उसमें माता-पिता पार्टिसिपेट नहीं कर पाते माता-पिता बात नहीं कर पाते केवल ओन्ली फॉर एडमिन स्कूल के टीचर मैसेज फॉरवर्ड कर रहे हैं हम क्लास टीचर से संपर्क करें और हम जानना चाहे तो हम किससे जाने कॉल करें तो वह हमारे सवालों का जवाब नहीं दे पाते बच्चा मोबाइल पर पढ़ाई नहीं कर पाएगा तो हम यही अनुरोध करेंगे कि हम मोबाइल नहीं देना चाहते तत्काल प्रभाव से इसे बंद किया जाना चाहिए सवालात बहुत सारे हैं लेकिन जवाब किसी के पास नहीं है हम बच्चे को बिल्कुल मोबाइल नहीं देना चाहते हैं जिन माता-पिता के पास में एंड्रॉयड सेट नहीं है वह बच्चे को किस तरीके से पढ़ाएंगे क्योंकि जो माता-पिता कीपैड मोबाइल चलाते हैं तो वहां कैसे पढ़ाएंगे??? कहीं ना कहीं शिक्षा व्यवस्था के नाम पर माता-पिता पर इसका दबाव बनाया जाएगा कि हमने आपके बच्चे को ऑनलाइन पढ़ाया आपको फीस जमा करनी पड़ेगी क्योंकि अभी कोरोनावायरस के लॉक्ड डाउन में फंसे हुए हैं हमारे पास व्यवस्थाएं हैं नहीं जो हो रहा है शिक्षा के नाम पर प्राइवेट स्कूलों में यह सरासर बच्चों के भविष्य को खराब करने के लिए और माता-पिता पर दबाव बनाने के लिए अभी मैंने स्वयं घर में बच्चे को मोबाइल दिया पढ़ने के लिए बच्चा थोड़ी देर पड़ता दिखा समझ में आया नहीं आया क्या हुआ वह दूसरे साइट पर चले जाता है ।खेलने लग जाते हैं यह समस्या है
हर माता-पिता आज दुखी है पीड़ित है जो व्यवस्था शिक्षा के क्षेत्र की है उसमें परिवर्तन की आवश्यकता है इस तरह तो नहीं पढ़ा पाएंगे माता-पिता सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में कदम उठाना पड़ेगा और हमको अब शिक्षा का बताना पड़ेगा सिलेबस क्या है माता-पिता की जानकारी में होना चाहिए बस किसी को पता नहीं है मैं खुद नहीं जानता हूं कि यह सिलेबस है क्या हम हमारी पुरानी शिक्षण व्यवस्था को बेहतर मानते हैं कि हमारे माता-पिता भी उसको समझ पाते थे कि क्या पढ़ा रहे हैं क्या पढ़ रहे हैं इतना भी समय में परिवर्तन नहीं हुआ कि आज मां बाप से छुपाकर सिलेबस को बनाया जा रहा है स्कूल के सिलेबस चेंज होते जा रहे हैं कुछ समझ नहीं आ रहा है बच्चा क्या पढ़ रहा है नहीं पता चल रहा तो कहीं ना कहीं शिक्षण व्यवस्था जो है खराब होते जा रही है इसमें परिवर्तन करना बेहद जरूरी है मैं सरकार से भी अनुरोध करता हूं मध्य प्रदेश सरकार से भारत सरकार से इस समाचार के माध्यम से इस लेख के माध्यम से गंभीरता से सोचने का सब्जेक्ट है हम छोटे बच्चों को मोबाइल कैसे दें और मोबाइल से उनको बचाना चाहते हैं और हम को सिखाया जा रहा है कि बच्चों को मोबाइल से दूर रखें लेकिन फिर स्कूल के माध्यम से बच्चों को मोबाइल पर लाने का प्रयास किया जा रहा है इस पर सख्त से सख्त कदम उठाए और व्यवस्था में परिवर्तन करें जो हो रहा है वह बिल्कुल सही नहीं है शासन प्रशासन इस पर तत्काल सकती से कदम उठाएं और माता-पिता को प्रताड़ित होने से बचाएं बच्चे को भी प्रताड़ित होने से बचाएं।
बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने का नाटक करना क्या सही है?? जवाब चाहिए