जिला बैतूल के लाक डाउन दौरान परमिशन के लिए कलेक्ट्रेट में कक्ष बनाए गए जहां से लोगों को राहत मिलेगी लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया की वजह से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है इसे मैनुअल भी किया जाना चाहिए क्योंकि स्वास्थ्य के मामले में क्रिटिकल केस में परमिशन लेट मिलने से किसी की जान जा सकती है कोरोना वायरस किइस घड़ी में जान बचाने का बीड़ा उठाया है ना कि जान गंवाने के लिए नियमों को कठोर कर पब्लिक को परेशान किया जाए जो हितकर है उसे होना चाहिए क्योंकि आउट ऑफ स्टेट या दूसरे जिले में स्वास्थ्य परीक्षण एवं स्वास्थ्य से संबंधित क्रिटिकल स्थितियों में लोगों को इलाज के लिए जाना जरूरी है ऑनलाइन सेवा से सुविधा का अभाव हो रहा है क्योंकि सरवर ना चलने की वजह से कई लोगों को परमिशन नहीं मिल पाती जिससे वह लोग परेशानी उठा रहे हैं ऐसी स्थिति में यह बेहद जरूरी है कि ऑनलाइन प्रक्रिया के साथ ही मैनुअल प्रक्रिया का भी होना बेहद जरूरी है यहां किसी की जान भी जा सकती है ऐसा ही एक मामला आज देखने में आया कि एक छोटा बच्चा जिसकी उम्र बारह तेरा साल की है बैतूल से नागपुर के लिए रिफर किया गया जिस एंबुलेंस के द्वारा एक अटेंडर के साथ नागपुर भेजा गया लेकिन जो लोग उसके साथ जाना था उन्हें समाचार लिखे जाने तक परमिशन नहीं मिली खबर है कि नागपुर में बहुत परेशान होना पड़ रहा है लॉक डाउन की स्थिति में व्यवस्था बनाना बेहद जरूरी है जिस पर प्रशासन से बार-बार अनुरोध है कि क्रिटिकल स्थिति के प्रकरण में तत्काल अनुमति दी जाए कलेक्टर परिसर में जब एयर सन एक्सप्रेस की टीम पहुंची तो देखा कि परमिशन वाले स्थान पर अधिकारी कर्मचारी सर्वर को लेकर सर पर हाथ धरकर बैठे हैं उनसे जब पूछा गया कि मैनुअल व्यवस्था है क्या तो भारत सरकार का आदेश कहकर परमिशन देने से मना किया गया जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है सैकड़ों की संख्या में आवेदन पड़े हैं ऑनलाइन लेकिन तीन चार दिनकासमय लग रहा है जान बचानी है ना कि जान गवानी है
जिला बैतूल के लाक डाउन दौरान परमिशन के लिए कलेक्ट्रेट में कक्ष बनाए गए जहां से लोगों को राहत मिलेगी