जय हिंद साथियों,
मानव जीवन कुदरत का अनमोल उपहार है और तन में खाकी वर्दी पाना पिछले जन्म के पुण्यों का असर है व मानव की सेवा करना अगले जन्म में पुनः यही उपहार प्राप्त करने का अवसर है। वर्तमान महामारी के दौर में हम सभी कोरोना से ही नहीं गरीबी, भुखमरी और आर्थिक असमानता से भी लड़ रहे हैं। शहर में हर किसी संवेदनशील व्यक्ति के माथे में चिंता की लकीरें देखने को मिल जाती हैं। इस संक्रमण काल में मजबूत इच्छाशक्ति के साथ आपको चौराहे में खड़े होकर धूप, भूख, प्यास और कोरोना से लड़ते हुए देखकर खुद को छोटा महसूस करते हुए सिर्फ जीभर तारीफ कर पाता हूँ। वर्दी पहने हुए हर एक शख्स का इस संकट की घड़ी में समर्पण कर्तव्यनिष्ठता के सर्वोच्च शिखर पर स्थापित करने की प्रतिभा का परिचय दे रहा है।
मैं जानता हूँ कि मानव की सेवा करने का आनंद प्राप्त करने वाला व्यक्ति उच्चकुलीन होता है और वह सारे मोह त्यागकर मानव सेवा में लग जाता है। लेकिन यदि हिंदुस्तानी रूपी मकान को सुरक्षित देखना चाहते हैं तो आप जैसे स्तम्भ का सुरक्षित रहना बहुत जरुरी है।
इसलिए पुनः आपके समर्पण भाव की सराहना करते हुए आपसे आग्रह करता हूँ कि स्वयं की सुरक्षा की जवाबदेहिता को निभाते हुए कोरोना वीर योद्धाओं की फेहरिस्त में अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज करवायें।
अपना खयाल रखें-परिवार का खयाल रखें-देश का खयाल रखें।
आपका अपना
संतोष कुमार पटेल
उप पुलिस अधीक्षक
मानव जीवन कुदरत का अनमोल उपहार है और तन में खाकी वर्दी पाना पिछले जन्म के पुण्यों का असर